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1. विषयों का संक्षिप्त परिचय: कक्षा 2 में विद्यार्थियों को उनके बौद्धिक और रचनात्मक विकास के लिए बुनियादी विषयों से परिचित कराया जाता है। मुख्य विषय इस प्रकार हैं: हिंदी: अक्षरों, शब्दों और छोटे वाक्यों को पढ़ने व लिखने की क्षमता विकसित की जाती है। कहानियाँ, कविताएँ और संवादात्मक अभ्यासों के माध्यम से भाषा को रोचक बनाया जाता है। अंग्रेज़ी: सरल वाक्य, शब्दावली और वर्णमाला का सही उच्चारण सिखाया जाता है। चित्रों और गतिविधियों से जुड़ी कहानियाँ पढ़ाई जाती हैं। गणित: संख्याओं की समझ, जोड़-घटाव, माप, समय, आकार और पैटर्न को मज़ेदार तरीकों से सिखाया जाता है। पर्यावरण अध्ययन (EVS): हमारे परिवेश, परिवार, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, जल, वायु और स्वच्छता के महत्व को सरल भाषा और गतिविधियों के माध्यम से समझाया जाता है। 2. शिक्षण की पद्धति क्रियात्मक शिक्षा: बच्चों को खेल-खेल में सिखाने पर ज़ोर दिया जाता है। चित्र और कहानियाँ: रंगीन चित्रों और कहानियों के माध्यम से सीखने की रुचि बढ़ाई जाती है। सृजनात्मक गतिविधियाँ: ड्राइंग, कविता पाठ, नाटक और समूह गतिविधियों से बच्चों की अभिव्यक्ति शक्ति को बढ़ावा दिया जाता है। 3. कौशल विकास: भाषाई कौशल: सही उच्चारण, लेखन क्षमता और शब्दावली में सुधार। संख्यात्मक कौशल: जोड़-घटाव और गणितीय अवधारणाओं की समझ। पर्यावरण जागरूकता: प्रकृति और समाज के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना। उद्देश्य: बच्चों में आत्मविश्वास और जिज्ञासा को बढ़ावा देना। मूलभूत भाषा और गणितीय दक्षता को सुदृढ़ करना। नैतिक मूल्यों और सामाजिक समरसता की भावना को विकसित करना। निष्कर्ष: कक्षा 2 का पाठ्यक्रम बच्चों को नई चीजें सीखने, सोचने और अभिव्यक्त करने की प्रेरणा देता है। खेल और गतिविधियों के ज़रिए ज्ञान को रोचक और व्यावहारिक बनाया जाता है, जिससे वे आगे की कक्षाओं के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें।
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